जन शिकायतों को लेकर सख्त हुये नगर आयुक्त, अधीनस्थों की ज़िम्मेदारी तय |
आगरा : एम जी न्यूज़ नेटवर्क : राकेश चक की रिपोर्ट
जन शिकायतों और उनके निस्तारण को लेकर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने अधीनस्थों के प्रति सख्त रवैया अपनाने की बात कही है |
आपको बता दें कि नगर निगम आगरा मे ज़ोनल व्यवस्था लागू है किन्तु इस व्यवस्था के बाद भी शिकायतकर्ता अपनी शिकायत का निस्तारण न होने पर नगर आयुक्त के पास अपनी शिकायत लेकर जाने पर विवश हो रहे है जिसको लेकर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने सख्त नाराजगी जाहिर की है | जनशिकायतों के निस्तारण को लेकर नगर आयुक्त ने कहा कि शासन, प्रशासन, जनता एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त होने वाले शिकायती प्रार्थनापत्रों पर विभागाध्यक्षों द्वारा समय से कार्यवाही नहीं की जाती है जिस कारण शासन, प्रशासन से अनुस्मारक आते रहते हैं शिकायतकर्ता की शिकायत का समय से निस्तारण नहीं होने से शिकायतकर्ता को बार-बार नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ते हैं जिससे नगर निगम की छवि धूमिल होती है |

श्री खंडेलवाल ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भी बिना किसी समुचित कारण के किसी भी पटल पर कोई भी पत्रावली तीन दिन से अधिक नहीं रुकनी चाहिए ऐसे स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं | जिस कारण नगर आयुक्त द्वारा अधीनस्थों को भी स्पष्ट निर्देश जारी किए जाने कि बात कही गई है | जिन मामलों मे क्षेत्र के भ्रमण की आवश्यकता है उन मामलों मे सात दिनों की समय-सीमा तय की गई है यदि निश्चित समय सीमा मे शिकायतकर्ता की शिकायत का निस्तारण नहीं किया जाता तो और प्रकरण मेरे कार्यालय के समक्ष आता है तो पहली बार में पटल सहायक व जिस स्तर प्रकरण लम्बित होगा, उसका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। उसी विभाग में पुनः प्रकरण के लम्बित होने का विषय संज्ञान में आता है तो सम्बन्धित पटल सहायक के साथ-साथ विभागाध्यक्ष का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये कठोर विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

